आध्यात्मिक उपचार: नाड़ी परिक्षण, आयुर्वेदिक चिकित्सा, मानसिक रोगों का उपचार, वैसे ही ;
🔯 सभी रोगो का नाड़ी परिक्षण कर आयुर्वेदिक इलाज किया जाता है।
🔯 कुछ एक रोग पूर्व जन्म का कर्म पाप तथा कर्म विपाक से होते है , उनका होम हवन , यंत्र , मंत्र , तंत्र , जारन , मारन किया जाता है।
🔯 नशा मुक्ति / व्यसन मुक्ति के लिए १०० % आयुर्वेदिक दवा दी जाती है।
🔯 मानसिक रोग , शरीर में दुःखी आत्मा - हवा का प्रवेश होना ,व्यवसाय का वृद्धि न होना , विवाह की समस्या , प्रेम समन्ध , भूत - प्रेत , यक्ष ,
गन्धर्व , राक्षस , पूर्वज प्रकोप , पाप का प्रकोप होना ,ग्रह शांति , नौकरी की समस्या, धन प्राप्ति न होना ,हमेशा रोगी अवस्था में रहना ,जादू - टोना , वशीकरण , मोहिनी , गृहकलेह , भूतबाधा इस के लिए हर अमावस को आश्रम में
धार्मिक पूजन किया जाता है।
🔯 छोटे बालक उम्र 7 दिन से 16 साल तक. यहाँ बालक को सोलाहसंस्कार किये जाते है , बालक की पेट की समस्या ,कफ रोग , मत्तीमंदता , बुद्धिका विकास न हिना , नैसर्गिग रूप से शरीर का विकास न होना , नज़र लगना , ग्रहबाधा इत्यादि समस्याओ हर पूर्णिमा को सुबह १० बजे से शाम ६ बजे तक आश्रम में पूजा विधि की व्यवस्था की है जिसमे माता - बालक एवं पिता को हाज़िर रहना जरुरी है उस दिन बच्चों को आयुर्वेदिक दवा , पूजा तथा बंधन दिए जाते है .
हर पुष्य नक्षत्र को बालको तथा बालिकाको मंत्र उचार के साथ स्वर्णप्राशन किया जाता है. जिस से बालक धैर्यवान , बुद्धिमान , शूरवीर , तेजवान तथा निरोगी दीर्घयु जीवन जीता है , विधिवत पद्धति से बालक तथा स्त्रियों की हर समस्या के लिए हर पूर्णिमा को आयुर्वेदिक - आध्यात्मिक उपचार किया जाता है।
🔯घरगुती समस्या , ग्रहबाधा , व्यपार बृद्धि जैसे समस्यों पर हर अमावस को हमारे आश्रम में होम हवन व धार्मिक पूजन किया जाता है.